तलास सुकून की

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1.मैंने यूं ही तुम्हारा नामसुकून नहीं रख रखा हैराहत मिल जाती है मुझेजो तुमसे बात हो जाती हैनिगाह उठाकर देख लोमेरी तरफ एक नजर तुमपूरी कायनात मुझे अपनेकदमों तले नजर आती हैजाने जां इतनी दिलकश होकी तुझसे नजर नहीं हटतीजी करता सामने बिठाकरअपलक तुझे देखता मैं रहूं! 2.यहां सब अकेले है... किसी का अकेलापन चेहरे पे दिख जाता है... कोई अपना अकेलापन अपनी खोखली हँसी में उड़ा देता है... कोई तन्हा रातो में आँसुओ से अपना अकेलापन धोता है... तो कोई किसी अपने के कंधे पर सर रखकर...यह दुनिया पूरी तरह खोखली है... हम उम्मीदों की टोकरी अपने सर पर