हमने पिछले भाग में देखा की रमनसिंह ने गोखले से बात करके प्रेमसिंह को किल्ले पे बुलाया था,लेकिन प्रेमसिंह जब किल्ले पे पहुंचा तब उसकी हालत बात करने जैसी ना होने के कारण रमनसिंह तभी चुप रहना पसंद करता है । कुछ देर बाद प्रेमसिंह के पूछने पर रमनसिंह उससे सवालात करता है जहां उसको प्रेमसिंह का सरल स्वभाव और निर्दोषता दिखती है । यही जांच करने में उनके शाम का समय हो जाता है , और रमनसिंह अपनी टीम को किल्ले के बाहर बुला लेता है। तभी खोए मन से बैठे रमनसिंह को एक तेज घंटारव की आवाज आती