25. उन्हें सूचित करना ही होगा- परमर्दिदेव अन्तरंग सभा में चाहमान माँगों पर विमर्श कर रहे थे। एक तीर को दुर्ग के अन्दर आते कई लोगों ने देखा। जैसे ही तीर गिरा, चन्दन ने उठा कर उसे मन्त्री देवधर को दिया। तीर की रचना विशिष्ट थी। इस पर भगवती दुर्गा का चित्र बना था । तीर दुर्ग के निकट से ही फेंका गया था। देवधर चिन्तित हुए। दुर्ग के इतने निकट चामुण्डराय का कोई धनुर्धर आया और उसी ने शर सन्धान किया। उन्होंने तीर को महाराज के सामने प्रस्तुत किया। महाराज ने तीर को देखा पर माँग पत्र पर विचार