24. आसौं कै सावन राजा घर करौं- शिशिरगढ़ पतन की सूचना जैसे ही परमर्दिदेव को मिली, वे चिंतित हो उठे। उन्होंने अन्तरंग सभा में विचार-विमर्श किया पर किसी निर्णय पर नहीं पहुँच सके। माहिल उन्हें बार-बार समझाते रहे कि यदि चाहमान नरेश आक्रमण करते हैं तो वे सँभाल लेंगे। अन्तरंग सभा के अन्य सदस्यों ने जानना चाहा कि वे कौन सी प्रक्रिया अपनाएँगे किन्तु माहिल ने स्पष्ट नहीं किया। महोत्सव में युद्ध कला में निष्णात वीरों का अभाव न था। पर इनमें से किसी ने भी किसी युद्ध का नेतृत्व नहीं किया था। परमर्दिदेव अब अधिकतर अस्वस्थ रहते। उन्होंने युद्ध