22. पत्र अपने पास रख लिया- शिशिरगढ़ चामुण्डराय ने घेर लिया, यह सूचना प्राप्त होते ही महाराज परमर्दिदेव चिन्तित हो उठे। उन्होंने अपने मन्त्रियों से विचार विमर्श किया। सभी को यह आशंका हो रही थी कि चाहमान सेनाएँ महोत्सव की ओर भी प्रस्थान कर सकती है। मन्त्रिवर माहिल ने कहा कि वे महाराज पृथ्वीराज के मित्र हैं। उन्हें अपने पक्ष में कर लेंगे ब्रह्मजीत एवं समरजीत दोनों राजकुमारों को लगा कि मातुल पर बहुत विश्वास करना उचित नहीं है पर वे किसी विकल्प पर नहीं पहुँच सके। महारानी मल्हना ने महाराज से कहा कि आल्हा एवं उदयसिंह का निष्कासन उचित