तुम हो तो हम है

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1.उम्र मुझे यूँ छलती रहीउम्मीदों में ही कटती रहीसुख - दुख की राहों पर, वक्त की धारा बहती रही कभी उठती कभी गिरती, लहरों सी मचलती रहीकुछ पाने की ख्वाहिश में, पलकों में आस पलती रहीस्वार्थ भरी इस दुनिया में, कमी प्यार की खलती रहीकदम कदम पर आई बाधा, समझौतों में ही ढलती रहीअंधकार से भरें दीपक की, बनकर बाती जलती रहीतुफानों में जब निराशा घेरे, आशा के उजाले भरती रहीवक्त का पहिया रहा घूमता, दिल की धड़कन चलती रहीउम्र बस यूँ ही छलती रही,जीवन की शाम ढलती रही2.तेरा मेरा रिश्ता जज्बात से जुड़ा हैये वो संगम हैजो बिन मुलाकात