1.आज कुछ जज़्बात है दिल में उनको कहने दोसबके लिए गुमनाम हूँ मुझे गुमनाम ही रहने दोसारे जग को मान के अपनाहमने हाथ बढ़ायावक्त आने पर पता चलाकौन अपना कौन पराया बे मतलब की इस दुनिया कोबेमतलब रहने दो सबके लिए गुमनाम हूँ मुझे गुमनाम ही रहने दोअपना सब कुछ मान के उनकोहमने प्रीत निभाईतोड़ के दिल मेरा उन्होंनेबेवफाई की रीत निभाई झूठे प्यार से सच्ची वफा कीउम्मीद को रहने दो सब के लिए गुमनाम हूँ मुझे गुमनाम ही रहने दोअपने दिल के जज़्बातों कोशब्दों में ढाल दियाजो भी गम था सारा हमनेगज़लो में डाल दियामेरे लफ्जों को अब सबकेदिल