भाग -15 रेणु चुप सुन रही है. लेकिन उसकी समझ में कुछ नहीं आरहा है कि क्या करे क्या ना करे, उसकी आँखों से बस नीर बह रहा है और वह मौन स्तब्ध सी खड़ी अपनी माँ को देख रही है. इसी सब में कब रात से सुबह हो गयी पता ही नहीं चला. अगली सुबह लक्ष्मी ने रेणु से पूछा तो फिर क्या सोचा है तूने बेटा, रेणु अब भी चुप है. उसने अपनी माँ से कहा आज आपको काम पर नहीं जाना ? जाना तो है, पर तेरी हाँ सुनने के बाद. रेणु ने कुछ नहीं कहा