दिये जलते हैं फूल खिलते हैं

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1. खुशीछोटे से एक गाँव में लड़कों के जन्मदिन पर हलुआ और पूड़ी - पकौड़े बनाकर बाँटकर खुशी मनाते हैं, लेकिन किसी भी लड़की का अभी तक जन्मदिन नहीं मनाया गया। उसी गाँव की अनिता का यह नया विद्यालय है। जहाँ विद्यालय अभिलेख के अनुसार बच्चे का जन्मदिन मनाने की परम्परा है। वह हमेशा की तरह समय से विद्यालय आयी। प्रार्थना सभा के बाद गुरुजी ने बच्चों को अनिता की तरफ इशारा करते हुए "शुभ जन्मदिनं तुभ्यं" कहते हुए अनिता को शुभकामनाएँ और बधाई देने का संकेत दिया।झट से सारे बच्चों ने उसे अपने हाथों में थाम लिया। कई बार