1.सफलता भी तब फ़ीकी लगती हैंजब कोई बधाई देने वाला कोई न होऔर विफलता भी अच्छी लगती हैजब आपके साथ कोई अपना खड़ा होरिश्तें ना ही दूर रहने से टूट जाते हैंना पास रहने से जुड़ जाते हैंये तो अहसास के वह पक्के धागे हैजो सिर्फ याद करने से मजबूत हो जाते हैं2.मतलबी सारा जहान है सब कुछ दिन के मेहमान है सुकून जरा पाने की खातिर हर शख्स यहां परेशान है अन्नदाता कहलाता फिर क्यों भूखा सोता किसान है बिकती है सच्चाई पैसों में बिकता यहां ईमान है कहते हो मौत है मुश्किल कहां जीना भी आसान है कौन