रात के करीबन ११ बजे, अंधेरे कमरे में बड़े से बिस्तर पर बेहद ही खूबसूरत लड़की बिना कपड़ो के बेजान सी पड़ी थी, उसकी बड़ी बड़ी भूरी चमकदार आंखे खुली हुई थी और बस आंसू के रेत उसके एक आंख से निकल दूसरे आंखो पर जा थम जा रहा था और उसके गोरे बदन पर चूमने के कई निशान बने थे। लड़की की आंखे बस उसके जज्बात को जाहिर कर रहा था, वो इस जिंदगी से आजाद होना चाहती थी, या फिर मरना कुबूल था उसे पर वो यहां और नहीं रह सकती थी। वही कमरे के बड़े से खिड़की