बेटी की अदालत - भाग 2

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स्वीटी को उसकी मम्मी का इस तरह का व्यवहार बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। उसे तो अपने दादा-दादी से बहुत प्यार था। स्वीटी अब कोई छोटी बच्ची नहीं थी। उसे सब समझता था कि उसकी मम्मी को उसके दादा-दादी बिल्कुल पसंद नहीं हैं। जब तक उसके दादा-दादी रहते, तब तक हर रात अलका और गौरव में झगड़ा होता ही रहता। उसकी दादी स्वभाव से बहुत अच्छी थीं। वह तो अलका को पसंद भी करती थीं लेकिन ताली कभी भी एक हाथ से कहाँ बजती है? उसके लिए दोनों हाथों को जोड़ना ज़रूरी होता है। उन्हें भी यह एहसास तो