प्यार की अर्जियां - 23

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पापाजी , अब मन में सोचते हुए,"कुड़ी मैनू गल ना करी चल दिता सानू अप्पा वीच ऐ की , संदीप वीच कार ना हे फिर कि गल हो सकदी हे , कन्या पुत्तर मैनू ना मिलया सी ,कि गल होई ...!! बेबे ," किचन से ही पापाजी को डांटते हुए चिल्लाती है ," अखा दुनिया नू गल कर दिता तो तैनू विश्वास होणा हे, होर मैनू गल कर दस दी सानू शक हो रिया सी ,ओह वाहेगुरु जी मैनू समझ नी आंदा मे कि करया सी ,इब तैनू ही इस गुरु जी समझा वेए ...!! एयरपोर्ट में ..... "कन्या बहुत