सुनसान रात - 2

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मैंने कहा देख ले भाई, कोई नहींं जा रहा है वहाँ से, कही कोई मुसीबत ना आ जाये,गुल्लू हंसने लगा बोला अरे कोई भूत प्रेत नहींं आएगा क्यों डरता, हरीश है ना अपने साथ, इसकी आवाज़ से अच्छे अच्छे भूत प्रेत डर कर भाग जाएंगे, और फिर हम तीनों जोर से हँसने लगे और मैंने गाड़ी बायपास की तरफ मोड़ ली।अभी कुछ 10 , 20 किलोमीटर ही चले होंगे कि गाड़ी फिर झटके मार कर रुक गयीगुल्लू बोला अब क्या हुआ?चला ना आराम सेमैंने बोला, होना क्या है, पेट्रोल खत्म, ये हरीश के काम ऐसे ही होते है, इसको बोला