ताश का आशियाना - भाग 40

  • 1.8k
  • 582

"आपने हा क्यों कहा?"" हमारे पास और कोई रास्ता नहीं।""और कोई रास्ता नही का क्या मतलब?2,00,000 भरने है जी!""मेरे लिए सिद्धार्थ को ठीक करना ज्यादा जरुरी है।""वो ठीक ही जायेंगे, जी डॉक्टर ने गोलियां तो लिख कर दी है ना!""पर वो जब तक गोलियां है तब–तक बाकी फिर?"नारायणजी ने पूछा तो गंगाजी के पास जवाब नही था।जब तक गोलियां थी सब अच्छा था। पूरा एक हफ्ता।गोलियां देते तो सिद्धार्थ ठीक रहता। खाना, पीना,सोना यही उसका काम हो गया था। लेकिन गोलियां इतनी हाई डोसाज की थी की सिद्धार्थ का खुद पर कुछ कंट्रोल नही था। जो काम मां बचपन में