भाग -12 अगले ही दिन लक्ष्मी काम पर जाने के लिए तैयार हो गयी और दीनदयाल जी से बोली, ‘देखिये जी अगर भगवान ने चाहा तो यह रिश्ता होकर ही रहेगा. मैं आज ही जाकर रुक्मणी जी से इस रिश्ते की बात करने जा रही हूँ .आप भी ईश्वर से प्रार्थना करना कि वह इस रिश्ते के लिए मान जाये. यह बात सुनते ही दीनदायल जी मानो तड़प उठे और उन्होने लक्ष्मी को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन लक्ष्मी रोती रही और कहती रही आप समझ क्यूँ नहीं रहे, इसी में हमारी बेटी की भलाई है, इसी में उसका