कोई तुमसा नहीं - 6

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श्रेजा लगातार अपनी चमकती हुई आँखो से उस ड्रेस को देखे जा रही थी उसके चेहरे पर एक मुस्कान थी जो ये साफ बया कर रही थी की उसे ये ड्रेस पसंद तो बहुत आयी है... फिर श्रेजा उस ड्रेस को अच्छे से अरेंज कर के वापस बेड पर लेट जाती है... उसके बाद जब उसकी आँख खुलती है तो शाम हो चुकी थी, श्रेजा के लिए ये कोई बढ़ी बात नहीं थी...कभी कभार उसे बहुत ज्यादा नींद आती थी जिसकी बजह उसे भी आजतक बता नहीं चल सकी।हाथ मुँह धोने के बाद श्रेजा अपने कमरे से निकल कर गार्डन