राजा और मदिरा - भाग 1

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एक धार्मिक राजा हुआ करता था ,,,,, यज्ञ , दान,धर्म,कल्याण कारी कर्म में उसकी रुचि खूब थी। पूरे राज्य में नए मंदिर बंधवाना , गरीबों को सेवा करना आदि काम में राजकोष का खूब धन लगाया जाता था,राजकर्मी तथा सैनिकों को भी ये सूचना थी की किसी भी निसहाय की सेवा करने में पैर पीछे मत लेना।। राजमहल के पास के जंगल में एक वैश्या की कोठी हुआ करती थी,राजा विलासी तो नही था लेकिन हमेशा वैश्या की कोठी के बारे में खयाल रखता था,जरूरत पड़ने पर धन की जरूरतों को पूरी करता था। ये बात राजमहल के महामंत्री को