फिर मालती को केक देकर कहा कि सबको केक खिला दो।मालती ने केक काटा और सबको खिला दिया।कुछ देर बाद ही पंडित जी आ गए और फिर उन्होंने पंचांग देख कर परसों का ही एक अच्छा दिन बताया पर इतना जल्दी सब कैसे हो सकता है।मिनल ने कहा मैं एक बार भाई साहब से पूछती हूं।कुछ देर बाद ही मिनल ने कहा कि भाभी, भाईसाहब सब कल आ रहें हैं।।परिणिति बहुत ही खुश हो गई और बोली कि अब चले शापिंग मॉल।।राज ने कहा हां चलो अब जाना होगा ही वरना तो यह कंजूस नहीं देगा कुछ।।राज ने थोड़ा जोर