अमानुष-एक मर्डर मिस्ट्री - भाग(३)

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तब करन ने सतरूपा से कहा... "अगर हम दोनों बात करने के लिए कहीं बाहर चले तो ज्यादा ठीक रहेगा", "क्यों सेठ! काम के बहाने कहीं चाँस तो नहीं मार रहा है तू,मैं खूब समझती है तुम जैसे मर्दो की चाल,पहले बाहर ले जाकर घुमाते हो,खिलाते पिलाते हो,शाँपिंग कराते हो और फिर इसके बाद तुम लोग अपनी औकात पर उतर आते हो"सतरुपा बोली... "तुम मुझे गलत समझ रही हो सतरूपा! मैं बिलकुल भी ऐसा नहीं हूँ",डिटेक्टिव करन थापर बोला... "सारे मर्द पहले ऐसा ही कहते हैं",सतरुपा बोली.... "मैं एक जासूस हूँ और एक केस के सिलसिले में मुझे तुमसे बात