राजमहल के बाहर प्रतीक्षा करते करते यशवर्धन ने मान्धात्री से कहा.... "अब आप मुझे धवलचन्द्र के विषय में बताए कि उसका मनोज्ञा बनी कालबाह्यी के संग क्या सम्बन्ध है"? तब मान्धात्री बोली... "तनिक धैर्य धरे,मैं आपको सब बताती हूँ उसके विषय में", ऐसा कहकर मान्धात्री ने यशवर्धन को धवलचन्द्र के विषय में बताना प्रारम्भ कर दिया,वो बोली... "धवलचन्द्र मगधीरा राज्य के राजा विपल्व चन्द्र का पुत्र है,उसकी माता का नाम हिरणमयी था,कालवाची ने ही विपल्व चन्द्र की हत्या की थी,कालवाची विपल्व चन्द्र के रचे हुए षणयन्त्र से सभी को बचाना चाहती थी,वो विपल्व चन्द्र की हत्या तो नहीं करना चाहती