नमस्ते पाठको।आज मैं रेणुका नाम से अपनी डरावनी आत्मकथा लिखने बैठा हूं। मेरा मूल नाम भूपेंद्र सिंह है और पहले मैं इसी नाम से खूब बदनाम था लेकिन एक दिन मौका लगते ही मैने अपना नाम बदलकर अजीत सिंह रख लिया। आज मैं इसी नाम से खूब बदनाम हुआ घूम रहा हूं।चलिए आत्मकथा शुरू करते हैं।हरियाणा2010शाम का वक्त है। कुछ कुछ सूरज अभी नज़र आ रहा है और ये सूरज कब तक और नज़र आएगा इसके बारे में कुछ भी कह नहीं सकते हैं।तारापुर नाम के शहर की रात हर किसी को ठंड से झकझोर रही थी। इसी रात में