पर-कटी पाखी - 2 - अपना ही प्रतिविम्ब.

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2. अपना ही प्रतिविम्ब. अपना ही प्रतिविम्ब तो दिखाई दे रहा था पाखी को, इस बेचारी, बेवश, विवश और घायल *पर-कटी चिड़िया* में। हाँ, अपना ही प्रतिविम्ब। कुछ इसी तरह से तो, पाखी का भी एक पर कट गया था। अभी, कुछ दिन पहले ही। जब पाखी के पापा का रोड-ऐक्सीडेन्ट हो गया था। और रोड-ऐक्सीडेन्ट ही क्यों, अगर इस घटना को फुटपाथ-ऐक्सीडेन्ट कहा जाय तो ज्यादा उचित होगा। फुटपाथ पर ही तो चल रहे थे पाखी के पापा। रोज़ की तरह ही तो गये थे वे अपने मित्र डॉक्टर गौरांग पटेल के साथ, सुबह-सुबह मॉर्निंग-वॉक पर। और तभी किसी