आलेखमहिलाओं का नेतृत्व और शासन सत्ता की बागडोर ********** आज की नारी अबला नहीं रही, आज की नारी आकाश की ऊंचाइयां,समुद्र की गहराई ही नहीं, देश की सरहदों और युद्ध के मैदान के साथ कला साहित्य संस्कृति विज्ञान खेल कृषि, व्यवसाय हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति ही नहीं दमखम से अपनी सफलता का प्रेरक उदाहरण पेश कर रही हैं। वो समय अब इतिहास बन गया जब नारी को अबला,बेबस, लाचार, कमजोर माना जाता था। आज की नारी अपने फौलादी हौसले पुरुषों के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में भी अपनी प्रतिभा और हौसले से दो दो हाथ करने में भी नहीं हिचक