कालवाची-प्रेतनी रहस्य-सीजन-२-भाग(११)

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उसने अपने राजसी वस्त्र अपने शरीर से उतारे और साधारण से वस्त्र पहनकर वो चारुचित्रा के बगल में बिछौने पर आकर लेट गया,चारुचित्रा भी उस समय चुपचाप लेटकर कुछ सोच रही थी तब विराटज्योति ने उससे पूछा.... "क्या सोच रही हो प्रिऐ!" "यही कि पहले आप मुझसे कितना प्रेम करते थे किन्तु अब आपके पास मेरे लिए समय ही नहीं है",चारुचित्रा बोली... "ऐसी बात नहीं है प्रिऐ! तुम जानती तो हो ना कि आजकल राज्य में कैसीं परिस्थितियाँ चल रहीं हैं,इसका तात्पर्य ये बिलकुल नहीं है कि मेरा तुम्हारे प्रति प्रेम कम हो गया है",विराटज्योति बोला... तब चारुचित्रा बोली... "जी!