राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 7

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"भैया यह सब मेरी वजह सेलक्ष्मण भाई को सम्हालने लगें।सीता का हरण दोनों भाइयों के आत्मसम्मान पर गहरी चोट थी।राम काफी देर तक विलाप करते रहे और लक्ष्मण भाई को सांत्वना देते रहे।काफी देर तक विलाप करने के बाद राम शांत हुए और शून्य को देखते रहे।लक्ष्मण बोले"भैया।ऐसे बैठने से काम नही चलेगा।हमे भाभी को खोजना होगा"सही कह रहे होदोनों भाई उठे और सीता की खोज में चले।आगे जाने पर उन्हें हिरणों का झुंड मिला।हिरन आकाश की तरफ देखकर दःक्षिण दिशा की तरफ देखने लगे"लक्ष्मण तुंमने हिरणों के इशारे को समझा"क्या भैया"हिरन आकाश की तरफ देखकर दःक्षिण की ओर देख