निरुत्तर - भाग 5

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विशाखा के माता पिता की प्रकाश के घर आकर रहने की ख़बर दो-तीन दिन के अंदर ही वंदना और राकेश के पूरे परिवार तक भी पहुँच गई। यह ख़बर सुनने के बाद कि विशाखा के माता-पिता वृद्धाश्रम में थे और वह वहाँ से उन्हें अपने साथ ले आई है; वंदना का मन मान ही नहीं रहा था, उसे लग रहा था कि अब एक बार उसे विशाखा और प्रकाश से मिलना चाहिए।उसने राकेश से अपने मन की बात कही तो राकेश ने कहा, “क्या करना है वंदना, अब रहने दो।” कामिनी ने सुना तो उन्होंने कहा, “वंदना जाने दे बेटा।