मेरी अधूरी गज़लें

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गजलों की तारतम्यता का आनंद उठाएं।। 1. पढ़ाई करने के तरीके हम पता लगाने निकले, जो तरीके लगे थे हाथ, हम उनको आजमाने निकले, उस गांव में जो करता था पढ़ाई से नफरत, उसके तहखाने से किताबों के ठिकाने निकले।। 2. दिन रात पढ़ कर कुछ मुकाम हासिल करना है, मैं किसी और को मदद के लिए पुकार नहीं सकता। चंद लम्हे और फिर मिल जाएगी सफलता , इतना नजदीक आकर मैं मेहनत का नशा उतार नहीं सकता। लगा हूं पढ़ने में अब रुकूंगा नहीं, किताबें हैं सवर रही कमरा सवार नहीं सकता। जानता हूं पापा मजदूरी करके पढ़ा रहे