निरुत्तर - भाग 2

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अपनी माँ से मिलने की ख़ुशी में वंदना फटाफट तैयार हो गई। उसके बाद वह राकेश के साथ अपनी माँ और भैया भाभी को सरप्राइज देने के लिए उनके घर के लिए रवाना हो गई। घर पहुँचते ही कार से उतरते समय वंदना ने राकेश से कहा, “राकेश, हमें देखकर माँ कितनी ख़ुश हो जाएगी ना।”   “हाँ वंदना माँ के लिए बेटी का ससुराल से मायके आना, बहुत ही ख़ुशी के पल होते हैं जिसका उन्हें हमेशा ही इंतज़ार रहता है।”   “राकेश हमारी अम्मा मुझे कभी भी मना नहीं करतीं, हमेशा ख़ुशी से भेज देती हैं।”   “वंदना