आँच - 11 - चिनगी से आग लहकी !

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अध्याय ग्यारह चिनगी से आग लहकी ! लखनऊ कम सरगर्म नहीं था। अभी मेरठ और दिल्ली की ख़बरें यहाँ नहीं पहुँची थीं। पर दो और तीन की मूसाबाग की घटना ने सभी में दहशत भर दी थी। सात नम्बर की पलटन ने अपने बडे़ भाइयों मड़ियाँव की अड़तालीसवीं पलटन के नाम पत्र लिखा जिसमें स्वधर्म रक्षा के लिए अरदास की थी। यह पत्र जिस सिपाही को मिला उसने अपने साथी के साथ जाकर सूबेदार को दिखाया। तीनों वह पत्र लेकर कमिश्नर हेनरी लारेन्स के बँगले पर पहुँचे, प्रहरी से कहा,‘बड़े साहब से मिलना है।’‘काम ?’‘काम बहुत ज़रूरी है। साहब से