अन्धायुग और नारी - भाग(४९)

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हमारा इतना सख्त रवैया देखकर डाक्टर धीरज फिर चुप ना रह सके और हमसे बोले.... "माँफ कीजिएगा ! बानो! मैं किसी गलत इरादे से आपके पास नहीं आया था".... "आपका इरादा हम अच्छी तरह से भाँप चुके हैं डाक्टर साहब! आप बिलकुल भी फिक्र ना करें,हमारा साया भी आपके बेटे के पास नहीं भटकेगा", "मैं आपसे ऐसी गुजारिश लेकर नहीं आया था",डाक्टर धीरज बोले... "तो फिर क्या चाहते हैं आप हमसे ",हमने उनसे पूछा... "आपने मुझे अपनी बात कहने का मौका ही नहीं दे रहीं हैं,आप ही सबकुछ कहें जा रहीं हैं",डाक्टर धीरज बोले.... "आप यही तो चाहते हैं ना