गुमनाम ढाँचाचार मंजिला आलीशान इमारत, पूरी तरह रोशनी से नहाई हुई थी और रात में ऐसी लग रही थी मानो कोई पांच सितारा होटल हो। ठीक ऊपर की तरफ बीचों -बीच में बड़ा-बड़ा लिखा था 'जीवन रक्षक 'यानी जीवन को देने वाला। जिसे देखते ही मानस के कदम यकायक रुक गए। वो ठहर कर देखने लगा। उसने एक बार फिर से उस इमारत का नाम पढ़ा, अभी भी उस पर लिखा था' जीवन रक्षक'। हलाकिं वो इस शहर में एक लम्बे अरसे के बाद आया था मगर कुछ चीजें जहन में ऐसी जगह बना लेती हैं जो मरते दम तक