आँच - 4 - मुश्किल समय है?(भाग -3)

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नवाब की इस कार्यवाही से भी अमीर अली पर बहुत प्रभाव नहीं पड़ा। वह सुहाली में था। उसने आसपास के गाँवों के मन्दिरों के घंटां और मूर्तियों को तोड़ दिया तथा ब्राह्मणों को गाँव से बाहर भगा दिया। अन्य अनेक जगहों पर भी जेहादी घटनाएँ घटीं। अमीर अली के कारनामों से हिन्दू-मुसलमान दोनों में तनाव बढ़ता जा रहा था। लखनऊ ही नहीं पूरे अवध में हिन्दू-मुस्लिम के बीच अक़्सर वारदातें होने लगीं। लोग अकेले निकलने से घबड़ाने लगे। अनेक धन्धों में हिन्दू मुस्लिम दोनों मिलकर काम करते थे। लोग डर के मारे घर बैठ जाते। पर कब तक ऐसा कर