केशव भट्ट काश्मीरी का नाम चैतन्य महाप्रभु के तत्कालीन अनुयायियों और भक्तों की श्रेणी में श्रद्धापूर्वक लिया जाता है। वे भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त थे। चैतन्य की दिव्यता के प्रचारक थे और सिद्ध भागवत थे।जिस समय शस्यश्यामला स्वर्णिम बंगभूमि श्रीगौरांग महाप्रभु की कीर्तन-माधुरी का रसास्वादन कर रही थी, नवद्वीप के बड़े-बड़े न्यायशास्त्री और दर्शनवेत्ता तर्क और शास्त्रार्थ से संन्यास लेकर भक्ति-कल्पलता की शीतल छाया में विश्राम करते हुए भगवान श्रीकृष्ण की लीला का मधुर गान कर रहे थे, ठीक उसी समय उत्तरापथ में दिग्विजय की विजयिनी पताका फहराते हुए एक बहुत बड़े समूह के साथ चौडोल पालकी पर चढ़कर