ख़ौफ़शाम ढल रही थी | आसमान पुरा काला पड चुका था जैसे किसी ने काले रंग की शीशी उडेल दि हो | शायद बारिश आने को बेकरार है |, घिरा हुआ आसमान और ठंडी हवाये चाँदनी को बेहद पसंद थी | बारिश चाँदनी के बदन में एक अजब सी सिहरन पैदा करती थी | चाँदनी आईने के सामने पिछले आधे घंटे से बन-सवर रही थी | बन-सवर क्या ? सजने की रिहर्सल कर रही थी | तीन बार तो साडीयाँ चेन्ज कर चुकी थी | चाँदनी को साज-श्रुंगार का बहुत शौक था आज उसे मिसीस कपूर की बेटी की शादी