रघु केवट

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रघु केवट पीपलीचटी ग्राम में मछलियाँ पकड़ने का कार्य किया करता था। पकड़ी हुई मछलियों को बेचकर वह परिवार का पालन-पोषण किया करता था। घर में स्‍त्री और बूढ़ी माता थी। पूर्व जन्‍म के पुण्‍य संस्‍कारों के प्रभाव से रघु के हृदय में भगवान की भक्ति थी। वह अत्‍यन्‍त दयालु था। मछलियाँ जब उसके जाल में आकर तड़पने लगतीं, तब उसका चित्त व्‍याकुल हो जाता। उसे अपने कार्य पर ग्‍लानि होती; परंतु जीवन-निर्वाह का दूसरा कोई साधन न होने से वह अपने व्‍यवसाय को छोड़ नहीं पाता था।श्री जगन्नाथ पुरी से दस कोस दूर पीपलीचटी ग्राम में रघु केवट का