और उसने - 22 - अंतिम भाग

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(22) ( अंतिम भाग ) “ आज कैसी बातें कर रही है बेटा ? यहाँ तो है ही तेरा घर लेकिन अभी वहाँ पर है तो उसे ही अपना घर समझ और रुचि आंटी को अपनी माँ क्योंकि मैं तो वहां पर हूं नहीं, फिर तू देखना कि तुझे वहाँ अपने घर से ज्यादा अच्छा लगेगा । तेरा दिल भी लगा रहेगा और तू परेशान भी नहीं होगी।“ “ मम्मी यह सब बेकार की बातें छोड़ो । मुझे घर की और आप सब की बहुत याद आ रही है । पता नहीं अब हम कैसे अपने घर तक पहुंचेंगे ?