1.कुछ होश नही रहता,कुछ ध्यान नही रहता,इंसान मुहब्बत में, इंसान नही रहता...2.तुम पसंद आए ये इतेफाक था,तुम ही पसंद रह गए ये इश्क हैं...3.सुना हूं बहुत बारिश हुई है तुम्हारे शहर में ज्यादा भीगना मत,अगर धूल गई गलतफहमीयां तो बहुत याद आएंगे हम...4.मेरे अपनों ने तोड़ा है मेरे वजूद को, गैरों को क्या खबर मैं कमजोर कहां हूं...5.वो दिन गए की मुहब्बत थी जान की बाजी,किसी से कोई अब बिछड़े तो मर नही जाता...6.मैं तो वक्त से हार कर सर झुकाएं खड़ा था,सामने खड़े कुछ लोग खुद को बादशाह समझने लगे...7.मैं नींद में उठकर इधर उधर ढूंढता हूं तुम्हें,ख्वाबों में