आईना जज्बातों वाला

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1.लहज़ा बदलकर कुछ नही हासिल,ज़रा किरदार पर गौर फरमाए तो कुछ बात बने..!2.चूड़ी, चुनर, सोलह श्रृंगार सारा...तेरे बगैर फिर कुछ मेरा न रहा..!3.ना शहर मेरा ना फिज़ा मेरी,बिछड़कर जीना तुझसे नही रज़ा मेरी,खामखा ही बदनाम रहा उम्रभर नाम मेरा,आख़िर किस गुनाह के बदले मुकर्रर हुई ये सजा मेरी..!4.खुद को बंद रखती हूं इक लिहाफ में मैं,छोटा शहर है, मासूम शख्सियत है मेरी..!5.कसमें वादों की उम्र लंबी नही होती,तुम बस एहसासों की डोर थामे रखना..!6.किसी से कोई रिश्ता तब तक ही निभाइए,जब तक उस रिश्ते में आपकी कोई अहमियत हो..!7.हवा के झौंके सा है मन मेरा,जहां अवरोध मिले वहां ठहर नहीं