1.चाहतें होती है बिल्कुल औंस की बूंदों जैसी,कोमल, सुंदर, नम और मनमोहक सी ...!2.कभी बेसाख्ता हंस दूं तो समझ लेना,हद से ज्यादा उदास हूं मैं.!3.तेरे तसव्वुर में फिर बीती रात सारी,कभी तारे गिने कभी चांद से बातें की...!4.उतारी गई है कब्र में जो, वो फकत मिट्टी है गालिब...वो कब का खत्म हो गया..,जो इस जिश्म का हकदार था कभी..!5.ना खुश हूं ना गमजदा हूं मैं,बस औरों से थोड़ी जुदा हूं मैं..!6.ये जो पलकों के किनारे भर आते हैं अक्सर,मुस्कुराने से पहले ही छलक जाते हैं कमबख्त..!7.खो कर बहुत कुछ मैं, न जाने क्या पाने की तलाश में हूं!(इंसान)8.ये जो जन्मों