अंधविश्वास बात उन दिनों की है जब मैं पांचवी कक्षा में पढ़ता था। हमारे परिवार में सिर्फ चार प्राणी रहते थे। मम्मी-पापा, मैं और दादी माँ। मम्मी-पापा मुझसे बहुत प्यार करते थे और मैं भी उन्हें बहुत प्यार करता था, पर दादी माँ को मैं सबसे ज्यादा प्यार करता था और वे भी मुझे उतना ही चाहती थी। स्कूल समय के अलावा मेरा अधिकांश समय उन्हीं के साथ बीतता था। वे ही मुझे खिलातीं, नहलातीं, होमवर्क करातीं और स्कूल के लिए तैयार करती थीं। घर से स्कूल की दूरी महज आधा किलोमीटर होने के बावजूद दादी माँ उंगली पकड़कर मुझे