उलझन - भाग - 16

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बुलबुल जो बात बताना चाह रही थी, वह बताने के लिए उसे शब्द नहीं मिल रहे थे और बात शुरू करने से पहले उसके होंठ भी काँप रहे थे। लेकिन फिर भी उसे बताना तो था ही तब उसने कहा, “जीजी आपको बहुत शांति और धैर्य से मेरी बात सुननी होगी। प्लीज जीजी आप नाराज मत होना। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है लेकिन जीजी अनजाने में। मैंने जानबूझकर वह गलती नहीं की। मैं बहुत बड़े चक्रव्यूह में फंस गई हूँ, वहाँ से बाहर कैसे निकलूं, मुझे उसका कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा है। अब आप ही कोई