बात कुछ पुरानी हैं.एक नगर में एक बड़े ही धार्मिक सेठ रहते थे,उनका अपना पंसारी का काम था.उनके दो बेटे थे,सेठ अपने दोनों बेटे को पढ़ाना चाहते थे,सेठ का बड़ा बेटा पढ़ लिख कर अभियंता बन गया, छोटा बेटा सिर्फ़ स्नातक ही कर पाया और अपने पिता जी के व्यापार में हाथ बटानें लगा और हमेशा ये ही सोचता रहता अपने व्यापार को कैसे और बढ़ाया जाये. सेठ ने अपने बड़े बेटे की शादी कर दी, बहुत अच्छी नौकरी भी लग गई और दूसरे शहर चला गया.सेठ ने अपने छोटे बेटे को पंसारी का काम के साथ-साथ कई बड़ी कंपनियों