गाँव की बात निराली

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गाँव की बात निरालीगाँव में सुबह - सुबह चार - पांच बजे ही चिडियों की चहचाहट, गाय - भैंसों के रमभाने की आवाज शुरू हो जाती है। घर के बड़े बुजुर्ग जाग कर कुल्ला - मंजन करके बिस्तर पर बैठ जाते हैं कि चाय बने तो पियें। छोटे बच्चे तो अपनी माँ संग ही उठ जाते हैं। माँ उनका हाथ - मुंह धोकर, तेल - काजल लगाकर बड़े बुजुर्गों के पास छोड देती है। बुजुर्ग अपने पोते - पोतियों को कहानियां सुनाकर, खेल में लगा कर अपने पास रखते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं। उतनी देर में उनकी