क्या एकांत ही सुख है ? - 4

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तुषांत बहोत खुश था की उसे अवि के रूप में भाई मिल गया और मम्मी पापा को अवि के रूप में एक बेटा । इसके विपरित तुषांत इस बात से अनजान था की उसकी जिंदगी में आगे कितनी कसोटिया और चुनौतियां आयेगी उसे पीछे खींचने के लिए । यह जानने के लिए कहानी को पढ़िए __।तुषांत सुबह जल्दी उठता था और उठकर स्नान करता फिर घर वालो के लिए चाय बनाकर उन्हें उठाता था । तुषांत का ये डेली लाइफ रुटीन बन गया क्योंकि वह एक संस्कारी समझदार बालक था जो की घर वालो की सेवा करना अपना परम कर्तव्य