एक टुकड़ा धूप

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चंद मिनटों की धूप चाय और किताब क्या हासिल होता है कहानी से जानिए.....lotus 🪷 सहेली ज्योति का फोन टीना को जैसे विचार आया कितने दिन हो गए गृहस्ती की आपाधापी में ये सुख तो उसने लिया ही नहींहॉस्टल को याद करते हुए ज्योति ने कहा थाटीना आज सुबह 8 बजे चाय लेकर छत पे चली गईसच में याद आ गई तुम्हारी सर्दी के उन सभी इतवारो की जब हम सुबह की धूप में बैठ कर चाय का आनद लेते थे और कहा करते थे एक टुकड़ा धूप चाय का साथ और कपकपाती ठंड आनंद ही आनंद टीना यादों में