नक्षत्रा का पंछी

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उन सर्द रातों में अगर कोई घर की छत पर जाए तो ... उस अंधेरे आसमान में हजारों पक्षियों की अजीब आवाजें आसानी से सुनी जा सकती थी। हां अजीब...क्यूंकि आमतौर पर पक्षी भोर के समय ही चेहचाते हैं।उसको उस रात नींद नहीं आ रही थी तो... रात को लगभग एक बजे वह अपने बिस्तर से उठ कर...सर्दी से बचने के लिए अपनी शॉल ओढ़कर छत पर निकल जाती हैं। जिंदगी के उजाले ने उसे इतने गम दिए थे कि अब रात के अंधेरे में नींद अक्सर उसकी आंखों से झगड़ा कर ही लेती थी...और अंधेरा अब उसको डराता भी