उड़ चले पंछी

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1.तेरी राह तकते तकते उम्र गुजारदी मैनें अपनी, फिर भी एक उम्मीद लगाये बैठी हुँकि कदी तु आवेगा, मेरा माथा चुम मुझे गले लगावेगा, बस वो पल ही आखिरी होगा मेरी जिदंगी का, जब तु मेरे नाल होवेगा।2.बेवजह किसी से मुलाकात नहीं होतीहर अजनबी से यूँ बात नहीं होतीकुछ रिश्ते बन जाते है कब खासजिनके जुड़ने कि कभी आस नही होती3.आँखो मे नमी लेकर होठों से मुस्कुराती हुँ मैं,दिल मे दर्द लेकर फिर भी गुनगुनाती हूँ मैं,कोई क्या जानेगा मेरे अंदर छिपे दर्द को, बाहर से तो सब को खुश नजर आती हूँ मैं।4.हर शाख हर पत्त्ते पर हवा ने