तेरी मेरी कहानी

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1.जिदंगी मे मैंने जिस - जिस को चाहाअपने से उसे हमेशा दूर ही पायामेरी किस्मत कह लो या तकदीर मेरीजो वो मुझे कभी मिला ही नहींकिस्मत का फैंसला मान कर उसे छोड़ दियाजिस - जिस से दिल लगाया सबने मेरा दिल तोड़ दियाअब चाहत नहीं है किसी को चाहने किना ही बाकी है हसरत उसे पाने कि2.वक्त बेवक्त तेरा मुझे याद करना,तेरे याद करते ही मेरी धड़़कनो का बढ़ जानाबढ़ी हुई धड़कनो को फिर सब से छुपानाऔर फिर सबको ये जताना, कि शायद हाल ठीक नहीं है मेराना जाने कयुँ ये बैचनी है,धड़कनो मे भी तेजी हैबस भी कर अब,