फूलों की ख़ुशबू

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1.कोई रिश्ता तो जरूर हैतेरे मेरे दरमियांपर क्या ये मैं कह नहीं पा रहीतू है कि समझता ही नहींऔर मैं तुझे समझा नहीं पा रहीदर्द मेरे दिल का तु जानता ही नहींकितनी मोहब्बत है तुझसे ये मानता ही नहींऔर अब मैं ये दूरी तुझसे सह नहीं पा रहीबड़ा अजीब सा है, ये तेरा, मेरा रिश्ताजो तु नहीं जानताऔर इक मैं जो तेरे बैगर रह नहीं पा रही2.चेहरा तेरा मेरी आँखो का सुकुन हैहर लम्हा जो चेहरे पर मेेरे लाता नुर हैएक पल भी ओझल जो होता है तुतो ऐसा लगता है जैसे सब कुछ फिजुल है3.फर्क तो बहुत पड़ता है,